Description
“तमस्” का अर्थ होता है – अंधकार, और यह उपन्यास वास्तव में उस अंधकार का प्रतिनिधित्व करता है जो 1947 के विभाजन के दौरान भारत और पाकिस्तान में फैली हिंसा, घृणा और अव्यवस्था से पैदा हुआ।
कहानी एक छोटे शहर से शुरू होती है जहाँ एक मुस्लिम त्योहार से पहले एक सुअर की मरी हुई लाश मस्जिद के सामने फेंकी जाती है। इससे भयंकर दंगे भड़क उठते हैं। उपन्यास कई पात्रों की नज़रों से दिखाता है कि कैसे आम इंसान साम्प्रदायिक राजनीति का शिकार बन जाता है।
यह पुस्तक केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि मानव स्वभाव, भय, असहायता और सत्ता के खेल को गहराई से उजागर करती है।
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