Description
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इसमें 11 लघु कथाएँ शामिल हैं, जो स्कूल, कॉलेज, पहली नौकरी‑प्लेसमेंट और युवा प्रेम‑तोड़‑बनौत की दुनिया की रोज़मर्रा की घटनाओं को बेबाक और हल्के अंदाज़ में पेश करती हैं।
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लेखन में हिंग्लिश का सहज इस्तेमाल है (हिन्दी में अंग्रेज़ी शब्द), जिससे भाषा बोलचाल की लगती है ।
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यह पुस्तक मिडिल‑क्लास भारतीय परिवारों और युवा जीवन की मामूली पर मगर मन को छु जाने वाली कहानियों का संग्रह है।
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कई पाठकों ने इसे अपनी कॉलेज‑कैंटीन, चाय‑अड्डे और दोस्तों‑महफ़िलों के साथ जोड़कर देखा है—“जैसे अपनी कहानी सुन रहा हूँ”
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