Description
“कफ़न” कहानी एक ग़रीब बाप-बेटे — घीसू और माधव — की है, जो समाज के सबसे निचले तबके से हैं और मेहनत-मजदूरी करने की बजाय भीख माँग कर या उधार लेकर जीवन बिताते हैं। माधव की पत्नी गंभीर प्रसव पीड़ा से गुजर रही होती है, लेकिन दोनों शराब पीने में व्यस्त रहते हैं और इलाज के लिए कोई प्रयास नहीं करते। अंततः पत्नी की मृत्यु हो जाती है।
पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए “कफ़न” (चिता पर ढकने के लिए) खरीदने के बहाने वे गाँव से पैसे इकट्ठा करते हैं — लेकिन उस पैसे का उपयोग भी खाने-पीने और शराब में कर देते हैं। इस त्रासदी में भी वे अपने कर्मों को सही ठहराने की कोशिश करते हैं।
ग़रीबी और आर्थिक विषमता की अमानवीय स्थिति
सामाजिक व्यवस्था की असंवेदनशीलता
नैतिक पतन और मानव संवेदना का ह्रास
त्रासदी के भीतर छिपा व्यंग्य और कड़वा यथार्थ
“कफ़न” को मुंशी प्रेमचंद की सबसे प्रभावशाली कहानियों में गिना जाता है।
यह कहानी सामाजिक आलोचना और करुणा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इसे कई भाषाओं में अनूदित किया गया है और रंगमंच व सिनेमा में भी प्रस्तुत किया गया है।
Reviews
There are no reviews yet.