Description
“गबन” प्रेमचंद द्वारा 1931 में लिखा गया एक सामाजिक उपन्यास है, जो उस समय की मध्यम वर्गीय मानसिकता, नैतिक संघर्ष और दिखावे की प्रवृत्ति को उजागर करता है। इस कहानी का मुख्य पात्र रमेशचंद्र है, जो एक ईमानदार और पढ़ा-लिखा युवक है लेकिन समाज में प्रतिष्ठा बनाए रखने और अपनी पत्नी जालपा की महंगी इच्छाओं को पूरा करने के चक्कर में गलत रास्ते पर चल पड़ता है।
रमेशचंद्र अपने खर्चों को पूरा करने के लिए गबन (यानी धन का दुरुपयोग या घोटाला) करता है। इस गलती से उसका जीवन बिखरने लगता है और वह कानून से बचने के लिए भाग जाता है। उपन्यास में प्रेमचंद ने नारी पात्रों, सामाजिक तानाबाना, आर्थिक स्थिति और नैतिक मूल्यों को अत्यंत यथार्थता से चित्रित किया है।
मुख्य विषय:
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मध्यम वर्ग का संघर्ष
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दिखावे की प्रवृत्ति
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नारी चेतना
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नैतिकता बनाम व्यवहारिकता
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सामाजिक दबाव और परिणाम
यदि आप चाहें, तो मैं इसका संक्षिप्त या विस्तृत सारांश भी दे सकता हूँ।
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